शिक्षण में अभिव्यक्ति एवं संस्कार दोनों ही आवश्यक है I स्कूल में अगर शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास हो तो बच्चों का प्रतिभा निखरता है I बाघमारा जैसे सुदूर प्रखंड में आप इसी सोच के साथ खड़े हैं I आशा नहीं पूर्ण विश्वास है आने वाले समय में आप शिक्षा में मील के पत्थर साबित होंगे I ऐसी मेरी कामना है I